-गजब कहानी बचपन की-
आज हम आपको आपकी बचपन की यादों को ताजा कर देंगे,जो आपने बचपन में गुजारा उसे दोबारा याद करते हैं,आज हम Cycle के बारे में बात करेंगे क्या नजारा था जब हम साइकिल चलाया करते थे.
बचपन की साइकिल की यादें | Childhood Cycle Story in Hindi
इसको सारा पढ़ने के बाद इसे पढ़ें :- Shubh Ratri Images
वह दिन कभी नहीं भूल पाएंगे इसीलिए हम आजकल के बच्चों को बताना चाहते हैं,कि हमारा जमाना है, क्या था और हम इन मोबाइलों के चक्कर में ना पढ़कर कैसे मजा लेते थे आइए पढ़ते हैं.
आइए अब इसे पढ़ना शुरू करते हैं
{ आइए बचपन की साइकिल की यादें ताजा करें }

—-बचपन में हमने गांव में @Cycle तीन चरणों में सीखी थी —-
चलाने का पहला— चरण – कैंची
चलाने का दूसरा ––चरण – डंडा
चलाने का तीसरा— चरण – गद्दी .
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बीत गया जो बचपन बो ना आएगा
अभी जि लो बच्चों दोबारा नहीं आएगा!

Childhood Cycle Story in Hindi
पहले साइकिल की ऊंचाई 24 इंच हुआ करती थी और जो हमारे कंधे तक आती थी जब हम खड़े होते थे.ऐसी Cycle से गद्दी चलाना मुश्किल भरा काम होता था, @कैंची वो कला होती थी_ जहां हम Cycle के Frame में बने त्रिकोण के बीच घुस कर दोनो पैरों को दोनो पेडलो पर रख कर चलाते थे!
और जब हम ऐसे चलाते थे तो अपना #सीना तान कर टेढ़ा होकर Handle के पीछे से चेहरा बाहर निकाल लेते थे, और Cling ,Cling करके घंटी इसलिए बजाते थे,ताकी लोग देख सकें की लड़का Cycle दौड़ा रहा है!
आज की पीढ़ी इस नजारे से बहुत दूर जा चुकी है उन्हे नही पता की आठ दस साल की उमर में 24 inch की Cycle चलाना Ek जहाज उड़ाने जैसा होता था!
हमने ना जाने कितने दफे अपने घुटने और मुंह तुड़वाए है, और गज़ब की बात ये है कि तब Dard भी नही होता था, गिरने के बाद चारो तरफ देख कर चुपचाप खड़े हो जाते थे,अपने कपड़ों को साफ करते हुए अब बहुत फर्क पड़ चुका है बच्चों पर साइंस के वजह से!
5 साल के होते ही बच्चे Cycle चलाने लगते हैं वो भी बिना गिरे। दो दो फिट की Cycle आ गयी है, और अमीरों के बच्चे तो अब सीधे गाड़ी चलाते हैं छोटी छोटी Bike उपलब्ध हैं बाज़ार में!
बचपन की साइकिल की यादें | Childhood Cycle Story in Hindi
मगर आज के बच्चे Kabhi नहीं समझ पाएंगे कि उस Chhoti सी उम्र में बड़ी Cycle पर @संतुलन बनाना Life की पहली @सीख होती थी!
@जिम्मेदारियों की First कड़ी होती थी. जहां आपको यह जिम्मेदारी दे दी जाती थी —कि अब आप @गेहूं पिसाने Layak हो गये हैं,इधर से चक्की तक Cycle दौड़ाते हुए जाइए और उधर से कैंची चलाते हुए Ghar वापस आइए!
Or यकीन मानिए इस जिम्मेदारी को निभाने में खुशियां भी बड़ी Gazab की होती थी, और ये भी Sach है.की हमारे बाद “कैंची” प्रथा @विलुप्त हो गयी!
Childhood Cycle Story in Hindi
हम लोग दुनिया के @आखिरी @— पीढ़ी हैं_जिसने Cycle चलाना तीन 3 में सीखा!
चलाने का पहला— चरण- कैंची
चलाने का दूसरा —चरण -डंडा
चलाने का तीसरा– चरण -गद्दी!
Childhood Story With Images
Conclusion Of Story
● हम वो Last पीढ़ी हैं,—- जिन्होंने कई-कई बार मिटटी के घरों में बैठ कर परियों और राजाओं की @कहानियां सुनीं, Zameen पर बैठ कर खाना खाया है, @Plate_में_चाय पी है।!
● हम वो Last लोग हैं,—- जिन्होंने बचपन में मोहल्ले के मैदानों में अपने Dosto के साथ पम्परागत खेल, @गिल्ली-Danda , छुपा-छिपी, खो-खो, कबड्डी, कंचे जैसे Khel खेले हैं!…
Childhood Cycle Story in Hindi
बचपन के वो दिन AAj भी याद है
सर आज दादी खत्म हो गई
-छुट्टी चाहिए-

बचपन की साइकिल की यादें | Childhood Cycle Story in Hindi
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