वृक्ष लगाने की परंपरा यदि चालू होती है शादी या जन्मदिन में तो बहुत अच्छा रहेगा स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा वृक्ष बड़ा हो जाएगा फल खाने में भी आनंद आएंगे

सबको अपने अपने जन्मदिन या अपनी शादी की सालगिरह या अपने बच्चों के जन्मदिन पर पेड़ों लगाने की प्रथा सबस

एक लड़का अपनी गर्लफ्रेंड के जन्मदिन पर एक पेड़ लगाया था उसी की एक छोटे से वाक्यों में कहानी आइए फिर देर किस बात की चलते हैं कहानी की ओर

लड़की : अरे ये क्या कर रहे हो ?

लड़का: दिख नहीं रहा बुद्धू पौधा लगा रहा हूँ !

लड़की : वो तो दिख ही रहा है पर अचानक क्या सूझी ?

लड़का : आज तुम्हारा जन्मदिन है ना.. तो मैंने तय किया है कि तुम्हारे हर जन्मदिन पर एक पौधा लगाउँगा और देखना एक दिन ये सारे पौधे विशाल पेड़ बनेंगे और बग़ीचे का हर कोना तुम्हारे अहसास से भरा होगा मेरे दिल की तरह,और जब हमारे बच्चे और बच्चों के बच्चे होंगे ना वो सब भी तुम्हारे नाम की ऑक्सिजन लेंगे”।

लड़की ने ज़ोर का ठहाका लगाया और बोली “तुम सच में पागल हो गए हो और बता देती हूँ जनाब आपका ये पैधे लगाने वाला आइडीया ज़्यादा से ज़्यादा तीन साल तक चलेगा फिर भूल जाओगे तुम जैसे हर चीज़ भूलते हो”।

लड़के के चेहरे का भाव बदल गया।”ऐसे मत कहो ना यार,और जब मैं कोई चीज़ दिल से करता हूँ ना तो उसे कभी नही भूलता “।

लड़की बोली “तो फिर वादा करो तुम ज़िंदगी भर मेरे हर जन्मदिन पर यहाँ पौधे लगाओगे चाहे हम साथ हो या ना हो..

लड़का बोला ‘मैं वादा करता हूँ.. मगर आगे से कभी तुम ये साथ ना रहने की बात नहीं करोगी”।
लड़की ने प्यार से उसे ज़ोर से गले लगा लिया।ओह मेरे डब्बू….

पूरे बीस साल हो गए…

न जाने वो वक़्त की कौनसी अभागिन घड़ी थी जिसने दोनो को जुदा कर दिया था आज लड़की फिर उसी शहर में थी..

वहाँ का हर कोना,हर गली,हर जगह,लड़के की याद दिला रही थी..

लड़की की नज़रें लड़के की एक झलक के लिए तरस रही थी मगर वो कहीं नहीं दिखा..

“बस वक्त की ऐसी मार पड़ी और उन्हें बिछड़ना पड़ा और जाते हुए आख़री बार उसी ने तो उससे वादा लिया था के कभी पलट के नहीं आओगे मेरी ज़िंदगी में”।

तेज़ बारिश हो रही थी भीगते हुए चलते-चलते उसके क़दम ख़ुद ही उस बग़ीचे की तरफ़ बढ़ने लगे, वहाँ पहुँचते ही उसका गला भर आया।यही वह जगह थी जहाँ उसने लड़के के साथ अपने जीवन के सबसे बेहतरीन और सुकून भरे पल गुज़ारे थे..

अंदर जा कर देखा तो बग़ीचा बेहद ख़ूबसूरत और हरा-भरा दिख रहा था और तभी अचानक उसकी नज़र लड़के पर पड़ी जो वहाँ बैठा पौधा लगा रहा था।उसे देखते ही वो ख़ुद को रोक नहीं पायी और दौड़ के उसे गले लगा लिय।फूट फूट के रोने लगी..
लड़का कुछ नही बोला बस मौन खड़ा रहा..

तभी एक लड़की आयी और बोली “सॉरी आंटी मेरे पापा कई साल पहले अपनी याददाश्त खो चुके हैं.. ही इज़ अल्ज़ाइमर पेशंट” कई सालों से वो जुलाई की हर सात तारीख़ को बस एक बार यहाँ आते हैं और एक पौधा लगा जाते हैं” जब भी हम इसका कारण पूछते है तो इनका एक ही जवाब होता है-
“उसने कहा था”

*आइये हम भी आने वाले वंश के लिए ऑक्सीजन का प्रबंध करे- ओर घर परिवार में हर शुभ मौके पर एक पौधा अवश्य लगाए ।।

धन्यवाद

यदि जन्मदिन में महंगे महंगे गिफ्ट की जगह पेड़ पौधे ले जाकर जिसका भी जन्मदिन हो उसके हाथों उसे पेड़ पौधे लगाए जाएं बगीचे खेत खलियान में यदि जन्मदिन में 10 पेड़ ही लगाएं उनमें से यदि तो पेड़ भी साबित हो होकर बच्चे रहते हैं तो बड़े भाग्य की बात रहेगी क्योंकि परिवार में यदि 4 सदस्य भी हैं तो प्रतिवर्ष के 8 पेड़ पौधे हो रहे हैं

दूसरी बात जब पौधे बड़े हो जाएंगे तब आप बूढ़े हो जाए तो तो आपके बच्चे खेलेंगे उसकी छाया के नीचे या कोई राहगीर उस पेड़ के नीचे बैठेगा या कोई पशु पक्षी उसके ऊपर और नीचे बैठेगा तो यदि वे सुख की अनुभूति करता है तो यह है आपको पुण्य प्राप्त भी होगा

कुछ समय बाद मनुष्य दुनिया छोड़ कर चला जाता है तो उसके याद रूप में उसके लगाए हुए एक पेड़ उसका जीवित होने का एहसास दिलाते रहते हैं उनके बच्चे एवं बच्चियां उनकी परिवार दोस्त हमेशा बात करते रहते हैं यह हमारे पापा ने पेड़ लगाया था यह पेड़ हमारे दादा ने लगाया था यह पेड़ हमारी बुआ ने लगाया था यह पेड़ मेरी मौसी ने गिफ्ट दिया था यह पेड़ हमारे मामा ने गिफ्ट दिया था ऐसी ऐसी तरह तरह की बात करेंगे तो एक सोचिए कितनी खुशी महसूस होगी आपको पेड़ लगाते समय

यदि आपके पास पेड़ लगाने की जगह भी नहीं है तो आप पास के ही घूमने फिरने की जगह पर पेड़ लगा सकते हैं एवं कोई भारत में भी पेड़ लगा सकते हैं या आस-पास खाली जगह में भी पेड़ लगा सकते हैं और एक छोटी सी जाली लगाकर उस पर अपना नाम लिखवा कर उस पेड़ की रक्षा कर सकते हैं

आइए आज हम खुद से वादा करें कि अपने बच्चों के जन्मदिन पर एक पेड़ जरूर लगाएं तथा जिसके जन्मदिन में हम जाएं उसको भी तो पौधा लेकर जरूर जाएं उसको भी अपने जन्मदिन पर पौधारोपण जरूर करवाएं

धन्यवाद

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