जब डॉक्टर बनकर हनुमान जी प्रकट हुए कैंसर मरीज को ठीक करने के लिए एक अद्भुत आलोचक सत्य घटना पर आधारित कहानी

Razput RK

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बजरंगबली के इस मंदिर में लाइलाज बीमारी भी होती है चुटकियों में ठीक, जानें खासियत
हनुमान जी का ये मंदिर भिंड जिले के दंदरौआ गांव में स्थित है, यहां बजरंगबली को डॉक्टर की तरह पूजा जाता है।

बजरंगबली की महिमा के देशभर में सब दीवाने हैं, लेकिन उनके प्रति इस अटूट आस्था के दर्शन भिंड जिले में स्थित हनुमान मंदिर में देखने को मिलते हैं। यहां दूर-दूर से लोग अपनी बीमारी से छुटकारा पाने के लिए आते हैं। तो क्या है इस मंदिर की

खासियत आइए जानते हैं।

1.हनुमान जी का ये चमत्कारिक मंदिर ग्वालियर से करीब 70 किलोमीटर दूर भिंड जिले के दंदरौआ गांव में स्थित है।
2.इस मंदिर को लोग दंदरौआ सरकार धाम के नाम से जानते हैं। यहां बजरंगबली को डॉक्टर के रूप में माना जाता है।
3.स्थानीय लोगों के अनुसार इस मंदिर में जो भी भक्त दर्शन करने आता है वो हमेशा स्वस्थ रहता है।

4.मंदिर के पुजारी के अनुसार बजरंगबली की कृपा से यहां कैंसर, टीबी, एड्स आदि लाइलाज बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। लोगों की मन्नत पूरी होने पर वे दोबारा यहां दर्शन के लिए आते हैं।

5.इस गांव का नाम दंदरौआ पड़ने की भी एक दिलचस्प कहानी है। कहा जाता है कि हनुमान जी अपने प्रभाव से लोगों का कष्ट हरते हैं। इसका मतलब है कि वो दर्द को हरते हैं। उनके इसी कार्य से प्रभावित होकर जगह का नाम ददंरौआ कर दिया गया।

6.इस मंदिर का निर्माण करीब 300 साल पहले हुआ था। बताया जाता है कि हनुमान जी की मूर्ति यहां एक पेड़ की कटाई के दौरान मिली थी।
7.स्थानीय लोगों के मुताबिक कई साल पहले एक पेड़ में हनुमान जी की मूर्ति मिली थी। उस वक्त बजरंगबली गोपी की वेशभूषा में थे। पेड़ की कटाई करने पर मूर्ति स्पष्ट रूप से लोगों को दिखाई दी थी।

9.हनुमान जी का ये मंदिर इसलिए भी चमत्कारी है क्योंकि यहां दर्शन करने वाले कभी भी खाली हाथ नहीं लौटते हैं। उनकी मनोकामना हमेशा पूरी होती है।
10.हनुमान जी का ये मंदिर देशभर का एक ऐसा इकलौता मंदिर है जहां वो नृत्य करते हुए दिखाई देते हैं। यहां वे नटराज की तरह नृत्य मुद्रा में रहते हैं।

मध्य प्रदेश के जिला भिंड में वहां पर एक गांव है जिसका नाम मेहगांव है उसी रास्ते पर डॉक्टर हनुमान जी का भव्य प्रसिद्ध मंदिर बना हुआ है

इस मंदिर की एक खास बात यह है कि यहां हजारों लाखों की संख्या में जानलेवा बीमारी बीमार व्यक्ति जिसे कैंसर जैसी बड़ी घातक बीमारियों से ग्रसित है और फोड़ा फुंसी एवं और भी कई तरह की बीमारियां हैं जो भी बीमारी होती है ऐसे व्यक्ति इलाज करवाने के लिए श्री डॉक्टर हनुमान जी महाराज जी के पास यहां मंदिर पर आकर आशीर्वाद एवं परकम्मा लगाके

अपने रोगों का निवारण करते हैं

यहां पर पुरानी एक कहावत है यहां के लोग बताते हैं जो बूढ़े विरुद्ध लोग हैं जिनकी उम्र काफी अधिक है कि यहां पर एक मंदिर में एक भक्त आया और उसे कैंसर था वह हनुमान जी की बड़ी मन और निष्ठा से सच्ची भक्ति किया करता था और उसे कैंसर था उसकी भक्ति को देखते हुए हनुमान जी ने

अपना रूप डॉक्टर के भेष में बनाकर यहां पर आए थे जैसा कि डॉक्टर लोग सफेद कपड़ा पहनते हैं वैसे ही हनुमान जी ने सफेद कपड़ा पहने थे जैसा कि डॉक्टर लोग आल्हा लगा कर चेक करते हैं वैसे ही हनुमान जी अपने गले पर आल्हा लगाए हुए थे और एकदम उड़ता ऐसा लग रहा था कि कोई बड़ा डॉक्टर हो वह डॉक्टर वह पुजारी के पास आया और उसका इलाज किया और वह पुजारी कुछ दोनों के ही अंतर में वह पुजारी पूर्ण रूप से अच्छे तरीके से स्वस्थ हो गया निरोग हो गया जब वह स्वस्थ हो गया और निरोग हो गया उसने यह वाली बात सभी को बताए तो वहां पर एक अद्भुत जनसैलाब एवं अपनी-अपनी इस प्रकार की बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति हजारों लाखों की संख्या में वहां धीमे-धीमे आना प्रारंभ हो गए हैं

ऐसी मान्यता है कि डॉक्टर हनुमान जी के मंदिर की सिर्फ पांच परिक्रमा लगाने से ही जो व्यक्ति को रोग है या दुष्प्रभाव है या कोई प्रकार की भूत बाधा है वह तुरंत तत्काल समाधान हो जाता है

यहां दूर देश एवं हजारों किलोमीटर सैकड़ों किलोमीटर दूर से लोग पैदल एवं अपने अपने संसाधन द्वारा आते रहते हैं यह बड़ा प्रसिद्ध एवं अपने भारत में एक डॉक्टर हनुमान जी नाम से इकलौता ऐसा मंदिर है जहां पर स्वयं हनुमान जी डॉक्टर के रूप में पूजे एवं पूजा करवाते हैं एवं डॉक्टर के रूप में डॉक्टर की पद्धति के नाम से जाने जाते हैं

धन्यवाद

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