एक स्त्री पुरुष से सिर्फ और सिर्फ प्यार चाहती है…

वो प्यार जो रोड साइड चलते वक़्त अपनी बाएं तरफ उन्हें करे… ये कहते हुए कि साइड से चल…

भीड़ भाड़ वाली जगह में सड़क पार करते वक़्त हाथ पकड़ ले… ये कहते हुए कि रुको, अभी गाड़ी आ रही है…
वो रसोई में खाना बनाते वक्त आकर माथा चूमे और ये कहे कि बाहर गेट तक खुशबू आ रही खाने की… क्या बन रहा है आज…❓

कोई गलती हो जाए अनजाने में तो सब के सामने डांटे बिना अकेले में समझाए कि गलती हुई तुम से…

जहां उसका अपमान हो रहा हो वहां उसकी ढाल बने ना कि सुई बनकर और चुभे…

बिना कहे वो उसकी मन स्थिति समझे और कहे क्या हुआ आज बुझि बुझि सी क्यों हो…❓

हर छोटा छोटा पल जिसमें वो उसके साथ बिताए उसको यादगार बनाए… ना कि दुःख भरा बनाए…

वो हर चीज नही मांगती…..
बस समझ लो उसका भाव… कभी एक गुलाब ला दो… या रोड साइड पानी पूरी खिला दो… या बारिश हो रही हो तो तुम उसके लिए चाय बना दो…

चाहे उम्र क्यों ना ढल गयी हो… ❓रिश्ते में वो सिर्फ और सिर्फ “प्यार” ही चाहती है…

ये सब वो एक पिता, एक भाई, एक प्रेमी चाहे कोई भी रूप में पुरुष हो… ❓वो सिर्फ और सिर्फ वई रिश्ते का “प्यार” पाना चाहती है…. अगर मेरी स्टोरी आपके दिल को छू जाये तो मुझे रिक्वेस्ट जरूर भेजे

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